मुख्यपृष्ठशायरी/गज़लअपने होते हुए गैरों की तरह बात न कर, मुझसे दुश्मन की मुलाकात न कर / निदा फ़ाज़ली अपने होते हुए गैरों की तरह बात न कर, मुझसे दुश्मन की मुलाकात न कर / निदा फ़ाज़ली 0 साहित्य सारथी नवंबर 15, 2024 "अपने होते हुए गैरों की तरह बात न कर,मुझसे दुश्मन की मुलाकात न कर।मुझे डर है तेरी मासूम नजरों से,तू मेरे साथ कोई हादसा न कर।" Tags शायरी/गज़ल और नया पुराने