मिली हवाओं में उड़ने की / वसीम बरेलवी
मिली हवाओं में उड़ने की वो सज़ा यारो के मैं ज़मीन के रिश्तों से कट गया यारो वो बेख़याल मुसाफ़िर मैं रास्ता यारो कहाँ था…
नवंबर 26, 2024मिली हवाओं में उड़ने की वो सज़ा यारो के मैं ज़मीन के रिश्तों से कट गया यारो वो बेख़याल मुसाफ़िर मैं रास्ता यारो कहाँ था…
जरा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है, समंदरो ही के लहजे में बात करता है। खुली छतों के दियें कब के बुझ गये होते, कोई तो है …
आपको देख कर देखता रह गया क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया आते-आते मेरा नाम-सा रह गया उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया …
लहू न हो तो क़लम तरजुमाँ नहीं होता हमारे दौर में आँसू ज़ुबाँ नहीं होता जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटायेगा किसी चराग़ का अपन…
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है पहल…
कितना दुश्वार है दुनिया ये हुनर आना भी तुझी से फ़ासला रखना तुझे अपनाना भी ऐसे रिश्ते का भरम रखना बहुत मुश्किल है तेरा ह…
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ मुझे …
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है ये रूठ जा…
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों …
अलग नगर के कोलाहल से, अलग पुरी-पुरजन से, कठिन साधना में उद्योगी लगा हुआ तन-मन से। निज समाधि में निरत, सदा निज कर्मठता म…
'जय हो' जग में जले जहाँ भी, नमन पुनीत अनल को, जिस नर में भी बसे, हमारा नमन तेज को, बल को। किसी वृन्त पर खिले वि…
प्रथम सर्ग रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 1 रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 2 रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 3 रश्मिरथी / प्रथम स…
हरिवंश राय बच्चन की महत्वपूर्ण रचनाएं: हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान हरिवंश राय बच्चन का नाम हिंदी साहित्य के महान क…
हरेकृष्ण महताब का साहित्यिक जीवन ओडिशा की सांस्कृतिक धारा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है । वे न केवल एक महान राजनेता थ…
प्रारंभिक जीवन और बचपन रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी के अस्सी घाट पर मराठा परिवार में हुआ था। उनका अ…
भाषा समय के साथ बदलती रहती है, और यह परिवर्तन साहित्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। हिंदी साहित्य, जिसमें समाज के ब…
सोशल मीडिया का उपयोग आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। यह केवल एक संवाद माध्यम नहीं, बल्कि व्यापार, शिक्षा, राजनी…
"अपने होते हुए गैरों की तरह बात न कर, मुझसे दुश्मन की मुलाकात न कर। मुझे डर है तेरी मासूम नजरों से, तू मेरे साथ को…
"कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन तो कहीं आसमां नहीं मिलता। जिसे भी देखिए वो अपने आप में गुम है, ज़…
"बच्चों के छोटे हाथों को चाँद-सितारे छूने दो, चार किताबें पढ़कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।