"बुलाती है मगर जाने का नहीं
वो दुनिया है उधर जाने का नहीं।
सितारे नोच कर ले जाऊँगा
मैं ख़ाली हाथ घर जाने का नहीं।
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं।
वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर ज़ालिम से डर जाने का नहीं।
वबा फैली हुई है हर तरफ़
अभी माहौल मर जाने का नहीं।