मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना / राहत इंदौरी
साहित्य सारथी
नवंबर 14, 2024
"मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना।
मेरी खोई हुई धड़कन को फिर से थाम लेना,
मेरी सांसों की जुबां पर हिंदुस्तान लिख देना।"