मुख्यपृष्ठशायरी/गज़लहस्ती के मत फ़रेब में आ जाइयो 'असद', आलम तमाम हल्क़ा-ए-दाम-ए-ख़याल है / मिर्ज़ा ग़ालिब हस्ती के मत फ़रेब में आ जाइयो 'असद', आलम तमाम हल्क़ा-ए-दाम-ए-ख़याल है / मिर्ज़ा ग़ालिब 0 साहित्य सारथी नवंबर 14, 2024 हस्ती के मत फ़रेब में आ जाइयो 'असद' आलम तमाम हल्क़ा-ए-दाम-ए-ख़याल है Tags शायरी/गज़ल और नया पुराने