"जिसे डर नहीं मौत का, वो क्या मरेगा, जो जी रहा हो हर एक साँस मर-मर के / राहत इंदौरी
साहित्य सारथी
नवंबर 14, 2024
"जिसे डर नहीं मौत का, वो क्या मरेगा,
जो जी रहा हो हर एक साँस मर-मर के।
कई बार चाकू की तेज़ धारों से कटे हैं,
पर अब हम सँभले हैं पत्थर के।"