सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें / राहत इंदौरी
साहित्य सारथी
नवंबर 14, 2024
"सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।
शाखों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधियों से कह दो कि औक़ात में रहें।"