नीरजा (महादेवी वर्मा)
नीरजा / महादेवी वर्मा
- प्रिय इन नयनों का अश्रु-नीर!
- धीरे धीरे उतर क्षितिज से
- पुलक पुलक उर, सिहर सिहर तन
- तुम्हें बाँध पाती सपने में!
- आज क्यों तेरी वीणा मौन?
- श्रृंगार कर ले री सजनि!
- कौन तुम मेरे हृदय में?
- ओ पागल संसार!
- विरह का जलजात जीवन
- बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ!
- रुपसि तेरा घन-केश पाश!
- तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या!
- बताता जा रे अभिमानी!
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!
- पथ देख बिता दी रैन
- मैं बनी मधुमास आली!
- तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना
- दीपक में पतंग जलता क्यों?
- उर तिमिरमय घर तिमिरमय
- मुखर पिक हौले बोल
- मेरे हँसते अधर नहीं जग