निदा फ़ाज़ली "घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें,किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए।""दुनिया जिसे कहते हैं, जादू का खिलौना है,मिल जाए तो मिट्टी है, खो जाए तो सोना है।""हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी,जिसको भी देखना हो कई बार देखना।""सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो,सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो।""बच्चों के छोटे हाथों को चाँद-सितारे छूने दो,चार किताबें पढ़कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।""कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,कहीं ज़मीन तो कहीं आसमां नहीं मिलता।""अपने होते हुए गैरों की तरह बात न कर,मुझसे दुश्मन की मुलाकात न कर।"